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DAV class 8 Naitik Shiksha chapter 12 question answer Varn Vyavastha Ka Swaroop are given below to help the students to answer the questions correctly using logical approach and methodology.
Here, we provide complete solutions of DAV Class 8 Naitik Shiksha chapter 12 Varn Vyavastha Ka Swaroop of Naitik Shiksha Textbook.
These exercise of Naitik Shiksha chapter 12 contains 5 questions and the answers to them are provided in the DAV Class 8 Naitik Shiksha Chapter 12 Question Answer.
DAV Class 8 Naitik Shiksha Chapter 12 Question Answer
DAV Class 8 Naitik Shiksha Chapter 12 Varn Vyavastha Ka Swaroop Solutions is given below. Here DAV Class 8 Naitik Shiksha Chapter 12 Varn Vyavastha Ka Swaroop question answer is provided with detailed explanation.
Solutions of DAV Class 8 Naitik Shiksha chapter 12 is help to boost the writing skills of the students, along with their logical reasoning.
Students of class 8 can go through Naitik Shiksha chapter 12 Varn Vyavastha Ka Swaroop solutions to learn an effective way of expressing their answer in the M.ED exam.
चारों वर्णों में ब्राह्मण को समाज रूपी शरीर का मुख क्यों बताया गया है?’
उत्तर: ज्ञान पाने के लिए तपस्या और साधना करनी पड़ती है, इस प्रकार ब्राह्मण लोग तपस्वी और साधक होते हैं। हमारे शरीर में भी सबसे तपस्वी, साधक, निर्लोभ मुख ही है। इसलिए चारों वर्णों में ब्राह्मण को समाज रूपी शरीर का मुख बताया गया है।
सभी वर्णों के भरण-पोषण का दायित्व किस वर्ण पर है और इस वर्ण के लोग उस दायित्व का निर्वाह किस रूप में करते हैं?
उत्तर: सभी वर्णों के भरण-पोषण का दायित्व वैश्य वर्ण पर है। कृषि, व्यापार तथा कला कौशल के माध्यम से इस वर्ण के लोग उस दायित्व का निर्वाह करते हैं।
समाज की गति और स्थिति से क्या अभिप्राय है? इनको बनाए रखने में शुद्र वर्ण किस प्रकार सहयोग देता है?
उत्तर: समाज की गति और स्थिति से अभिप्राय है कि उसकी उन्नति का ही तात्पर्य समाज की उन्नति में होगा। किसी भी समाज को प्रतिष्ठित स्थिति में रखने तथा उन्नतिशील बनाने में शूद्रों का महत्व सर्वाधिक होता है। शूद्र समाज के पैर है। उन्नत समाज में शूद्रों की खुशहाली का ध्यान अधिक रखा जाता है।
क्षत्रियों की समाज में क्या भूमिका है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: क्षत्रियों को समाज में बाहुओं का स्थान प्राप्त है । बाहु शरीर की रक्षा करते हैं। सिर से पाँव तक शरीर में कोई स्थान ऐसा नहीं है जहाँ रक्षार्थ हमारी बाहुऍ नहीं पहुँचतीं। सिर पर पड़ने वाले पत्थर को हाथ ही रोकते हैं और पैर में लगे काँटे को भी वे ही निकलते हैं।
वर्ण व्यवस्था का आधुनिक रूप स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: वर्ण व्यवस्था का आधुनिक रूप है:
- शिक्षक- जो पढ़ाए।
- रक्षक- जो समाज व देश की रक्षा करे।
- पोषक- जो समाज का पोषण करे।
- सेवक- जो सभी कार्यों में सहयोग करे।
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