DAV class 7 Naitik Shiksha chapter 6 to 9 question answer are given below to help the students to answer the questions correctly using logical approach and methodology.
Here, we provide complete solutions of DAV Class 7 Naitik Shiksha chapter 6 प्रातः उठने के लाभ, chapter 7 उद्बोधन गीत, chapter 8 सत्संग का महत्व, and chapter 9 योग और उसके अंग of Naitik Shiksha Textbook.
Table of Contents
These exercise of Naitik Shiksha chapter 6 to 9 contains 18 questions and the answers to them are provided in the DAV Class 7 Naitik Shiksha Chapter 6 to 9 Question Answer.
Students of class 7 can go through Naitik Shiksha chapter 6 to 9 solutions to learn an effective way of expressing their answer in the M. ED exam.
DAV Class 7 Naitik Shiksha Chapter 6 to 9 Solutions
DAV Class 7 Naitik Shiksha Chapter 6 to 9 Solutions is given below. Here DAV Class 7 Naitik Shiksha Chapter 6 to 9 question answer is provided with detailed explanation.
Solutions of DAV Class 7 Naitik Shiksha chapter 6 to 9 (chapter 6 प्रातः उठने के लाभ, chapter 7 उद्बोधन गीत, chapter 8 सत्संग का महत्व, and chapter 9 योग और उसके अंग) is help to boost the writing skills of the students, along with their logical reasoning.
DAV Class 7 students are more likely to score good marks in Naitik Shiksha exam if they practice DAV Class 7 Naitik Shiksha Chapter 6 to 9 Question Answer regularly.
DAV Class 7 Naitik Shiksha Chapter 6 प्रातः उठने के लाभ
1. जल्दी सोने और जल्दी उठने के बारे में अंग्रेजी कहावत से हमें क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर: जल्दी सोने और जल्दी उठने के बारे में अंग्रेजी कहावत से हमें यह शिक्षा मिलती है कि यदि हमें स्वस्थ, सम्पन्न और बुद्धिमान बनना है तो हमें प्रातः जल्दी उठना चाहिए और रात में जल्दी सोना चाहिए।
2. भगवान श्रीकृष्ण किस समय उठते थे और उठकर क्या करते थे?
उत्तर: भगवान श्रीकृष्ण प्रातः काल उस समय उठते थे जब आकाश मे तारे चमकते होते थे और उठकर शुद्ध जल से स्नान करते थे, शुद्ध वस्त्र पहनते थे, यज्ञ करते थे, गायत्री मंत्र का जाप करते थे और फिर उदय होते हुए सूर्य का दर्शन करते थे।
3. उदय होते हुए सूर्य को देखने का क्या लाभ है?
उत्तर: उदय होते हुए सूर्य को देखने से सभी रोगों के कीटाणु नष्ट हो जाते हैं, स्वास्थ्य अच्छा रहता है, आंखों में हमेशा ज्योति बनी रहती है तथा शरीर और मन दोनों नवस्फूर्ति और शक्ति से भरे होते हैं।
4. महर्षि दयानन्द ने कैसे समझा कि अंग्रेजों के पतन के दिन निकट आ रहे है?
उत्तर: अंग्रेज स्त्रियों और पुरुषों ने जब प्रातः काल भ्रमण करना छोड़ दिया तब महर्षि दयानन्द ने समझ लिया कि अंग्रेजों के पतन के दिन निकट आ रहे हैं।
DAV Class 7 Naitik Shiksha Chapter 7 उद्बोधन गीत
1. इस गीत में मुसाफिर को जागने के लिए क्यों कहा गया?
उत्तर: इस गीत में मुसाफिर को जागने के लिए इसलिए कहा गया है क्योंकि अज्ञान रुपी रात समाप्त हो गई है और ज्ञानरुपी सुबह हो गई है और यदि वह सोता रहा तो आनंद रूपी ज्ञान प्राप्त नहीं कर पाएगा।
2. ईश्वर से प्रीत करने की रीत क्या है?
उत्तर: ईश्वर से प्रीत करने की रीत यह है कि हमें अज्ञानरुपी नींद से जगकर ईश्वर का ध्यान करना चाहिए।
3. ‘जब चिड़ियों ने चुग खेत लिया, फिर पछताए क्या होवत है’ का भाव बताओ।
उत्तर: ‘जब चिड़ियों ने चुग खेत लिया, फिर पछताए क्या होवत है’ पंक्ति का भाव है कि अवसर बीत जाने पर जब काम बिगड़ जाता है तब पछताने से कोई लाभ नही होता। इसलिए अपना काम समय पर ही करना चाहिए।
DAV Class 7 Naitik Shiksha Chapter 8 सत्संग का महत्व
1. सत्संग का क्या अभिप्राय है?
उत्तर: सत्संग का अभिप्राय सज्जनों के साथ मेलजोल करना, उनके पास बैठना, उनका उपदेश सुनना तथा उनसे बातें करना है।
2. संग का व्यक्ति के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर: संग का व्यक्ति के जीवन पर यह प्रभाव पड़ता है कि अच्छे या बुरे जैसे लोगों का संग वह करता है, वैसा ही स्वभाव बनने लगता है। दुसरे के गुण-दोष उसके अपने गुण-दोष बनने लगते हैं।
3. जल की बूंद के उदाहरण द्वारा नीच, मध्यम और उत्तम संगति का परिणाम प्रकट करें।
उत्तर: जिस प्रकार जल की बूंद गर्म तवे पर पड़ने के बाद नष्ट हो जाती है, कमल के पत्ते पर मोती जैसी लगती है और स्वाति नक्षत्र में समुद्र की सीपी में गिरकर मोती बन जाती है उसी प्रकार नीच की संगति व्यक्ति को नष्ट कर देती है, मध्यम जनों की संगति व्यक्ति में निखार लाती है, तथा उत्तम जनों की संगति से व्यक्ति मोती के समान अनमोल रत्न बन जाता है।
4. कबीर के अनुसार सत्संग का प्रभाव प्रकट करें।
उत्तर: कबीर के अनुसार सज्जन व्यक्ति का संग गन्ध बेचने वाले गंधी के पास में रहने के समान है। यदि वह अपना इत्र, फुलेल आदि न भी दे तब भी जब तक वह पास में रहता है, वातावरण सुगन्धित बना रहता है और पास बैठने वाला सुगंध लेकर ही जाता है अर्थात् सत्संग से व्यक्ति कुछ न कुछ लाभ अवश्य प्राप्त करता है।
5. गोस्वामी तुलसीदासजी सत्संग के बारे में क्या कहते है?
उत्तर: गोस्वामी तुलसीदासजी सत्संग के बारे में कहते हैं कि बिना सत्संग के व्यक्ति में विवेक उत्पन्न नहीं होता अर्थात् सत्संग के बिना व्यक्ति को भले-बुरे की पहचान नहीं होती।
DAV Class 7 Naitik Shiksha Chapter 9 योग और उसके अंग
1. योग के आठ अंगो के नाम बताओ।
उत्तर: योग के आठ अंग हैं-
- यम
- नियम
- आसन
- प्राणायाम
- प्रत्याहार
- धारणा
- ध्यान
- समाधि
2. पांचों यमों का नामोल्लेख करके किसी एक यम का अर्थ लिखो।
उत्तर: पांच यम हैं-
- अहिंसा
- सत्य
- अस्तेय
- ब्रह्मचर्य
- अपरिग्रह
अहिंसा का अर्थ है- किसी प्राणी को मन, वचन तथा कर्म से दुःख न देना।
3. पांचों नियमों का नाम बताकर शौच का अर्थ बताओ।
उत्तर: पाँच नियम हैं-
- शौच
- संतोष
- तप
- स्वाध्याय
- ईश्वर प्रणिधान
शौच का अर्थ है- बाहर और भीतर से अपने आपको स्वच्छ, पवित्र और ईमानदार रखना।
4. प्रत्याहार का स्वरूप बताओ।
उत्तर: प्रत्याहार का अर्थ है कान, त्वचा, आँख, जिह्वा (रसना) और नाक, इन इन्द्रियों को बाहर से हटाकर अंदर आत्मा की ओर लाना अर्थात् इन्द्रियशक्ति का संचय करना।
5. धारणा और ध्यान का अंतर बताओ।
उत्तर: शरीर के किसी एक स्थान पर मन को केंद्रित करना धारणा है जबकि पाँचो ज्ञानेन्द्रियों के विषयों से मन को अलग कर लेना और एक ही विषय पर लगाना ध्यान है।
6. योग क्या है?
उत्तर: कर्मों में कुशल होना ही योग है।
Best answer
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