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DAV Class 6 Hindi Chapter 4 Puraskar Solutions
DAV Class 6 Hindi Chapter 4 Puraskar Solutions is given below. Here DAV Class 6 Hindi Gyan Sagar chapter 4 question answer is provided with detailed explanation.
Highlights
DAV Class 6 students are more likely to score good marks in Hindi exam if they practise DAV Class 6 Hindi Chapter 4 Question Answer Puraskar regularly.
DAV Class 6 Hindi Chapter 4 Question Answer
पाठ में से
1. रामनगर में कितने विद्यालय थे? वे प्रत्येक वर्ष मिलकर कौन-सा उत्सव मनाते थे?
उत्तर: रामनगर में बालक-बालिकाओं के कुल दस विद्यालय थे। ये सारे विद्यालय मिलकर अनेक प्रतियोगिताओं का आयोजन करते थे और सत्र के अंत में ‘पुरस्कार वितरण उत्सव’ मनाते थे।
2. सत्यपाल के घर में कौन-कौन था?
उत्तर: सत्यपाल के घर में बूढ़ी दादी और एक छोटी बहन थी।
3. चंचल ने सत्यपाल को अखबार बेचने का क्या उपाय बताया?
उत्तर: चंचल ने सत्यपाल को अखबार फटाफट बेचने का तरीका बताते हुए कहा कि दो-चार चटपटी खबरें जोर-जोर से दुहराओ और छोटी-मोटी चोरी की खबरों को नमक-मिर्च लगाकर बड़ी खबर बना दो। इस तरह तुम्हारे अख़बार जल्दी ही बिक जाएँगे।
4. ‘सच्चे बच्चे कितने अच्छे’ प्रतियोगिता में सत्यपाल को कौन-सा पुरस्कार मिला और क्यों?
उत्तर: ‘सच्चे बच्चे कितने अच्छे’ प्रतियोगिता में सत्यपाल को प्रथम पुरस्कार मिला क्योंकि विषम परिस्थिति में भी विद्यालय में लिए गए सच बोलने के प्रण को उसने टूटने नहीं दिया। उसने अपने नाम को सत्य सिद्ध कर दिया।
5. पाठ के आधार पर बताइए कि नीचे दिए गए कथन किसने कहे, किससे कहे-
(क) भाई! तुम तो बहुत जल्दी निपट गए।
किसने कहा- सत्यपाल ने
किससे कहा- चंचल से
(ख) दो-चार चटपटी खबरें जोर-जोर से दुहराओ।
किसने कहा- चंचल ने
किससे कहा- सत्यपाल से
(ग) तुम्हारी सच्चाई से मुझे बहुत प्रसन्नता हुई है।
किसने कहा- शिक्षक ने
किससे कहा- सत्यपाल से
(घ) मैंने तो विद्यालय में सच के रास्ते पर चलने का प्रण किया है।
किसने कहा- सत्यपाल ने
किससे कहा- चंचल से
बातचीत के लिए
1. सत्यपाल क्या बेचता था और क्यों?
उत्तर: सत्यपाल शाम के समय अखबार बेचा करता था क्योंकि उसके कंधों पर अपनी बूढ़ी दादी और छोटी बहन की जिम्मेदारी थी, साथ-साथ उसे अपनी पढ़ाई में होने वाले खर्च की भी चिंता थी।
2. सत्यपाल में आपको क्या-क्या गुण नजर आए?
उत्तर: सत्यपाल में मुझे निम्नलिखित गुण देखने को मिलते हैं-
- वह एक ज़िम्मेदार बालक है।
- वह एक होनहार विद्यार्थी है।
- वह एक सच्चा बालक है।
- वह अपने से बड़ों के प्रति नम्र है।
- वह मुश्किलों में भी विचलित नहीं होता।
3. किसी उस प्रतियोगिता के बारे में बताइए जिसमें आपको कोई पुरस्कार मिला हो ?
उत्तर: मुझे भाषण प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार मिला है।
4. यदि आपको विद्यालय में प्रतियोगिताओं के आयोजन की जिम्मेदारी दी जाए तो आप कौन-सी प्रतियोगिताओं का आयोजन करना पसंद करेंगे और क्यों?
उत्तर: यदि मुझे विद्यालय में प्रतियोगिताओं के आयोजन की ज़िम्मेदारी दी जाए तो मैं समाचार वाचन, कविता वाचन, सृजनात्मक लेखन, कहानी लेखन, कविता लेखन वाद-विवाद, सामूहिक परिचर्चा, लेख लेखन, तत्काल भाषण जैसे प्रतियोगिताओं का आयोजन करवाऊँगा क्योंकि ये सब किसी भी छात्र की बौद्धिक और चिंतन प्रतिभा को निखारने का श्रेष्ठ माध्यम है।
अनुमान और कल्पना
1. सत्यपाल चंचल के उपाय को मान लेता तो क्या होता?
उत्तर: सत्यपाल अगर चंचल के बताए उपाय को मान लेता तो उसके शिक्षक को बहुत बुरा लगता कि सत्यपाल अपने प्रण से विमुख हो गया। दूसरी बात यह कि सत्यपाल भी लोगों से झूठ बोलकर अपना अख़बार बेचने लगता जिससे सत्यपाल की बातों पर फिर कोई भरोसा नहीं करता।
2. यदि तुम चंचल की जगह होते तो सत्यपाल को क्या सलाह देते और क्यों?
उत्तर: यदि मैं चंचल की जगह होता तो चंचल को यह सलाह देता कि झूठ के पैर नहीं होते और एक झूठ को छिपाने के लिए फिर कई झूठ बोलने पड़ते हैं। इसलिए हमें सफलता हासिल करने के लिए झूठ का सहारा नहीं लेना चाहिए।
भाषा की बात
1. पाठ में आए कोई चार युग्म-शब्द छाँटकर उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए-
क. ज़ोर-ज़ोर – बच्चे ज़ोर-ज़ोर से चिल्ला रहे हैं।
ख. बैठे-बैठे – बैठे-बैठे मेरे कमर में दर्द होने लगा।
ग. बहुत-बहुत – सत्यपाल ने शिक्षक को बहुत-बहुत धन्यवाद दिया।
घ. कुछ-कुछ – मुझे नृत्य के बारे में कुछ-कुछ पता है।
2. पाठ में से कोई तीन-तीन अनुस्वार और अनुनासिक वाले शब्द लिखिए-
अनुस्वार वाले शब्द अनुनासिक वाले शब्द
सुंदर साँझ
अंक बुँदे
नंबर गूँज
जीवन मूल्य
- गाँधी जी, राजा हरिशचंद्र सदा सत्य बोलते थे।
- पाठ में सत्यपाल ने भी सच्चाई का साथ दिया।
1. सत्य की सदा ही जीत होती है, विचार कीजिए।
उत्तर: सत्य की सदा जीत होती है, इस विचार से मैं पूरी तरह सहमत हूँ क्योंकि सत्य सूर्य की तरह होता है जिसे कुछ समय के लिए काले बादल भले ही ढक दें परंतु सूर्य की किरण फिर प्रकाशमान होती ही है ठीक उसी तरह सत्य जैसा भी हो लोगों के सामने आता ही है।
2. हम सबको जीवन में आई कठिन परिस्थितियों में भी सदा सच बोलने का प्रण क्यों लेना चाहिए?
उत्तर: हम सभी को जीवन में आने वाली कठिन परिस्थितियों में भी सच का साथ नहीं छोड़ना चाहिए और सच बोलने का प्रण लेना चाहिए क्योंकि जब स्थिति सामान्य हो जाएगी तो हमें अपने ऊपर गर्व होगा कि हम सत्य के साथ रहे और हमारे सगे-संबंधी भी हमारे विचारों से प्रभावित होकर अपने आचरण में सत्य बोलने के प्रण को शामिल करेंगे।