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DAV Class 5 Hindi Chapter 20 Question Answer

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Here, we provide complete solutions of DAV Class 5 Hindi Chapter 20 Koshish Karne Waalon Ki Haar Nahin Hoti of Bhasha Madhuri Hindi Textbook. These exercise of Hindi chapter 20 contains 5 questions and the answers to them are provided in the DAV Class 5 Hindi Chapter 20 Question Answer Koshish Karne Waalon Ki Haar Nahin Hoti.

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DAV Class 5 Hindi Chapter 20 Koshish Karne Waalon Ki Haar Nahin Hoti Solutions

DAV Class 5 Hindi Chapter 20 Koshish Karne Waalon Ki Haar Nahin Hoti Solutions is given below. Here DAV Class 5 Hindi chapter 20 question answer is provided with detailed explanation.

Highlights

DAV Class 5 students are more likely to score good marks in Hindi Bhasha Madhuri exam if they practise DAV Class 5 Hindi Chapter 20 Question Answer regularly.

1. कैसा व्यक्ति कभी हार नहीं सकता?

उत्तर: वो व्यक्ति कभी भी हार नहीं सकता जो बार-बार हारने पर भी कोशिश करना नहीं छोड़ता।

2. नन्हीं चींटी से मनुष्य क्या सीख सकता है?

उत्तर: नन्हीं चींटी से मनुष्य बार-बार असफल होकर भी हिम्मत से काम लेना सीख सकता है।

3. सफलता प्राप्त करने के लिए क्या आवश्यक है?

उत्तर: सफलता प्राप्त करने के लिए दृढ़ संकल्प, आत्मविश्वास, कला, कौशल और जुझारू प्रवृत्ति की आवश्यकता होती है।

4. गोताखोर कब सफल होता है?

उत्तर: गोताखोर उस समय सफल हो जाता है जब वह अनेक बार समुद्र में गोते लगाने के बाद भी मोती न मिलने पर निराश नहीं होता और तब तक हार नहीं मानता जब तक उसे मोती मिल न जाए।

5. कविता की पंक्तियाँ पूरी कीजिए-

डुबकियाँ सिंधु में गोताखोर लगाता है,

जा-जाकर खाली हाथ लौट आता है।

मिलते न सहज ही मोती गहरे पानी में

बढ़ता दूना उत्साह इसी हैरानी में।

1. चींटी से हम क्या सीख सकते हैं? सोचकर बताइए।

उत्तर: चींटी अपने वजन से कई गुना अधिक भार उठाती है, हमेशा व्यस्त रहती है, दीवारों पर चढ़ते समय बार-बार गिरने पर भी वह हार नहीं मानती है। इसलिए हम चींटी से मेहनत करना, व्यस्त रहना और संघर्ष करना सीख सकते हैं।

2. नन्हीं-सी चींटी भी इतनी मेहनत क्यों करती हेगी?

उत्तर: नन्हीं चींटी इतनी मेहनत इसलिए करती है क्योंकि उसे बारिश के मौसम के लिए अपना खाद्य सामग्री संचय करना होता है।

3. क्या मनुष्य असफल होकर ही सीख सकता है? कैसे?

उत्तर: नहीं, मनुष्य असफल होकर ही नहीं सीख सकता है। वह सफल होकर भी सीख सकता है कि सफल होने के लिए क्या-क्या आवश्यक हैं।

4. मोती गहरे पानी में ही मिलता है? इस पंक्ति के माध्यम से क्या कहने की कोशिश की गई है?

उत्तर: “मोती गहरे पानी में ही मिलता है” इस पंक्ति के माध्यम से कवि हमें यह बताना चाहते हैं कि सफलता प्राप्त करने के लिए हमें कड़ी मेहनत करनी पड़ती है, जिस प्रकार मोती समुद्र की तलहटी में होता है उसी प्रकार सफलता भी मेहनत की आखिरी छोर से बँधी होती है।

1. यदि आप मकड़ी होते तो अपने लिए घर कैसे बनाते?

उत्तर: यदि मैं मकड़ी होता तो मैं अपने लिए प्लास्टिक के धागों से एक मजबूत घर बनाता ताकि बारिश और बिजली से मेरा घर सुरक्षित रह सके।

2. यदि आप गोताखोर होते तो आपका अनुभव कैसा होता?

उत्तर: यदि मैं गोताखोर होता तो मुझे बहुत ही रोमांचित करने वाले अनुभव होते जैसे मैं समुद्र के भीतर की दुनिया से रूबरू हो पाता। जलीय जीवों की जीवन शैली से भी परिचित हो पाता।

3. यदि चींटी बोल सकती तो आप उससे क्या-क्या पूछते? वह क्या-क्या जवाब देती?

उत्तर: यदि चींटी बोल सकती तो मैं उससे बहुत सारे सवाल पूछता जैसे, क्या तुम देख सकती हो? क्या तुम्हें ठंड और गर्मी का एहसास होता है? तुम इतना व्यस्त क्यों रहती हो? इत्यादि। और मुझे यकीन है कि चींटी इन प्रश्नों का उत्तर अपने तरीके से देती।

1. समान अर्थ वाले शब्दों का मिलान कीजिए-

कोशिश        प्रयास

नौका            नाव

मोती           माणिक

रंगों              नसों

2. ध्यानपूर्वक पढ़िए-

  • स् + व = स्व
  • ट् + ठ = ट्ठ

कविता में ऐसे शब्द छाँटकर लिखिए जहाँ ‘स्व’, ‘ट्ठ’ संयुक्त व्यजनों का प्रयोग हुआ है-

उत्तर: मुट्ठी, स्वीकार।

3. चार-चार शब्द लिखिए-

DAV Class 5 Hindi Chapter 20 Question Answer Koshish Karne Waalon Ki Haar Nahin Hoti
चार-चार शब्द लिखिए

संज्ञा- नौका, पानी, सिंधु, चींटी, मोती

सर्वनाम- उसकी, तुम, इसी, कुछ, क्या

क्रिया- पार, डर, करो, चलती, भागो

विशेषण- गहरा, सहज, सौ, खाली, दूना

1. कविता में कहा गया है कि असफलताओं को चुनौती की तरह स्वीकार करना चाहिए। इससे क्या लाभ होगा?

उत्तर: असफलताओं को चुनौतियों की तरह स्वीकार करने से हमारे अंदर जोश और उत्साह बना रहेगा। हम ये भी जान पाएँगे कि हममें ऐसी क्या कमी है जिसकी वजह से हम सफलता से वंचित रह गए।

2. आप अपनी किस असफलता को चुनौती की तरह स्वीकार करेंगे?

उत्तर: मैं अपने छात्र जीवन में अपनी परीक्षा में आए कम अंकों को चुनौती की तरह स्वीकार करूँगा।

3. ऐसा करने से आपको क्या लाभ होगा?

उत्तर: ऐसा करने से मुझे ये पता चल जाएगा कि मुझमें ऐसी क्या कमी है जिस वजह से मेरे अंक कम आ रहे हैं और मैं यह जानकर अपनी कमी को दूर करने का प्रयास करूँगा।

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