DAV class 7 Naitik Shiksha chapter 14 to 17 question answer are given below to help the students to answer the questions correctly using logical approach and methodology.
Here, we provide complete solutions of DAV Class 7 Naitik Shiksha chapter 14 आर्य पथिक पं० लेखराम, chapter 15 उद्घोष, chapter 16 मेरा देश, and chapter 17 रोगी कौन नहीं? of Naitik Shiksha Textbook.
Table of Contents
These exercise of Naitik Shiksha chapter 14 to 17 contains 16 questions and the answers to them are provided in the DAV Class 7 Naitik Shiksha Chapter 14 to 17 Question Answer.
DAV Class 7 Naitik Shiksha Chapter 14 to 17 Solutions
DAV Class 7 Naitik Shiksha Chapter 14 to 17 Solutions is given below. Here DAV Class 7 Naitik Shiksha Chapter 14 to 17 question answer is provided with detailed explanation.
Solutions of DAV Class 7 Naitik Shiksha chapter 14 to 17 (chapter 14 आर्य पथिक पं० लेखराम, chapter 15 उद्घोष, chapter 16 मेरा देश, and chapter 17 रोगी कौन नहीं?) is help to boost the writing skills of the students, along with their logical reasoning.
Students of class 7 can go through Naitik Shiksha chapter 14 to 17 solutions to learn an effective way of expressing their answer in the M. ED exam.
DAV Class 7 students are more likely to score good marks in Naitik Shiksha exam if they practice DAV Class 7 Naitik Shiksha Chapter 14 to 17 Question Answer regularly.
DAV Class 7 Naitik Shiksha Chapter 14 आर्य पथिक पं० लेखराम
1. स्वामी दयानन्द के दर्शनों का लेखराम पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर: स्वामी दयानन्द के दर्शनों का लेखराम पर यह प्रभाव पड़ा कि उनकी वैदिक धर्म में आस्था दृढ़ हो गयी और वे सच्चे वैदिकधर्मी तथा प्रचारक बन गए।
2. अपने वेदांती मित्र दामोदरदास को ‘सब कुछ ब्रह्म है’ इस तर्क का लेखराम ने कैसे उत्तर दिया?
उत्तर: अपने वेदांती मित्र दामोदरदास को ‘सब कुछ ब्रह्म है’ इस तर्क का लेखराम ने ऐसे उत्तर दिया कि ब्रह्म का ब्रह्म से ब्रह्म को माँगना कैसा?
DAV Class 7 Naitik Shiksha Chapter 15 उद्घोष
1. दुनिया का अंधेरा दूर करने के लिए हमें क्या करना होगा?
उत्तर: दुनिया का अंधेरा दूर करने के लिए हमें वेदज्ञान की रोशनी फैलानी होगी।
2. पर्वत द्वारा रोके जाने पर दयानंद के सैनिक क्या करेंगे?
उत्तर: पर्वत द्वारा रोके जाने पर दयानन्द के सैनिक ठोकर से उसे गिरा देंगे।
3. धर्म पर जान लुटाने में किन्ही दो के नाम बताओ।
उत्तर: धर्म पर जान लुटाने वालों में किन्हीं दो के नाम हैं-
- श्रद्धानन्द
- हंसराज
DAV Class 7 Naitik Shiksha Chapter 16 मेरा देश
1. हमारे देश के नाम कितने और कौन-कौन से हैं?
उत्तर: हमारे देश के अनेक नाम हैं-
- आर्यावर्त
- भारतवर्ष
- हिन्दुस्तान
- इंडिया
2. राष्ट्र किसे कहते हैं? सच्चा राष्ट्रभक्त कौन है?
उत्तर: संस्कृति, इतिहास तथा भूमि इन तीनों सम्पदाओं के समूह को राष्ट्र कहते हैं।
देश के पूर्व पुरुषों द्वारा निर्मित तथा परिपालित जीवनविधि को संस्कृति कहा जाता है। स्वदेश में पैदा हुए वीर पुरूषों की जीवन लीला का नाम इतिहास है। भूगोल का अर्थ स्वदेश भूमि की आंतरिक रचना का विस्तार है। जो इन तीनों से प्रेम करता है वही सच्चा राष्ट्रभक्त है।
3. पुरुष के रूप में इस देश का वर्णन करो।।
उत्तर: पंजाब और बंगाल इसके दो हाथ हैं। कटाक्ष और पुष्कराज इसके दो नेत्र हैं। उत्तर प्रदेश वक्षःस्थल है। महाकौशल हृदय है। नासिक इसकी नाभि है। त्रावणकोर और रामेश्वरम् इसके दो चरण हैं। सागर इसका चरण-सेवक है। हिमालय सन्तरी है। कैलाश इसके सिर का मुकुट है। गंगा और यमुना की मालाएँ इसके वक्षःस्थल की शोभा हैं।
4. संस्कृति और इतिहास मे क्या अंतर है?
उत्तर: संस्कृति– देश के पूर्व पुरुषों द्वारा निर्मित तथा परिपालित जीवनविधि को संस्कृति कहा जाता है।
इतिहास– स्वदेश में पैदा हुए वीर पुरुषों की जीवन लीला का नाम इतिहास है।
5. आर्यावर्त, भारतवर्ष और हिंदुस्तान के ये नाम इस देश की किन-किन वस्तुओं का प्रतिनिधित्व करते हैं?
उत्तर: इस देश के सभी नाम इसके गुणों के प्रतीक हैं। आर्यावर्त इस देश की संस्कृति का प्रतीक है। भारतवर्ष इस देश के इतिहास का प्रतिनिधि है। हिन्दुस्तान इस देश की भौगोलिक संज्ञा है।
6. इस देश का नाम आर्यावर्त क्यों पड़ा।
उत्तर: आर्य पुत्रों ने इस देश को आर्यावर्त के नाम से अलंकित किया।
DAV Class 7 Naitik Shiksha Chapter 17 रोगी कौन नहीं?
1. हितभुक् का क्या अर्थ है?
उत्तर: हितभुक् का अर्थ है ऐसी वस्तुएँ खाने वाला जो स्वास्थ्य के लिए हितकर हैं, अच्छी हैं।
2. रोगी न होने के लिए भोजन में किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर: रोगी न होने के लिए हमें साफ, स्वच्छ तथा पोष्टिक आहार लेना चाहिए। हमें पाप का अन्न नहीं खाना चाहिए। हमें जरूरत से ज्यादा नहीं खाना चाहिए।
3. चरक मुनि ने पक्षी बनकर ‘कोङ् रूक’ का प्रश्न वैद्यों से क्यों किया?
उत्तर: महर्षि चरक जब आयुर्वेद के सारे ग्रंथ लिख चुके, सब प्रकार की विधियों का, सब प्रचार भी कर चुके तो उनके मन मे विचार आया कि चलूँ और देखूँ लोग मेरे बताए हुए मार्ग पर चलते भी हैं या नहीं? इसलिए ‘कोङ् रूक’ का प्रश्न उन्होंने वैद्यों से किया।
4. मितभुक् न होने पर क्या परिणाम हो सकता है?
उत्तर: मितभुक् का अर्थ है- मर्यादा में रहकर खाना, क्योंकि मर्यादा से अधिक पीया हुआ अमृत भी विष बन जाता है इसलिए मर्यादा में रहकर खाना चाहिए।
5. पाप का अन्न खाने का क्या परिणाम होता है?
उत्तर: पाप का अन्न खाने से आत्मा गिरती है। आगे बढ़ता हुआ मनुष्य इससे पीछे हटता है।
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