DAV class 8 Naitik Shiksha chapter 10 question answer Yog Ki Pahli Sidhi Yam are given below to help the students to answer the questions correctly using logical approach and methodology.
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Here, we provide complete solutions of DAV Class 8 Naitik Shiksha chapter 10 Yog Ki Pahli Sidhi Yam of Naitik Shiksha Textbook.
These exercise of Naitik Shiksha chapter 10 contains 5 questions and the answers to them are provided in the DAV Class 8 Naitik Shiksha Chapter 10 Question Answer.
Chapter 10 Yog Ki Pahli Sidhi Yam Solutions
DAV Class 8 Naitik Shiksha Chapter 10 Yog Ki Pahli Sidhi Yam Solutions is given below. Here DAV Class 8 Naitik Shiksha Chapter 10 Yog Ki Pahli Sidhi Yam question answer is provided with detailed explanation.
Solutions of DAV Class 8 Naitik Shiksha chapter 10 is help to boost the writing skills of the students, along with their logical reasoning.
Students of class 8 can go through Naitik Shiksha chapter 10 Yog Ki Pahli Sidhi Yam solutions to learn an effective way of expressing their answer in the M.ED exam.
योग के आठ अंगों के नाम लिखिए।
उत्तर: योग के आठ अंगों के नाम:
- यम
- प्रत्याहार
- नियम
- धारणा
- आसन
- ध्यान
- प्राणायाम
- समाधि
यम कितने है? प्रत्येक का नाम लिखकर उसका अर्थ बताएं।
उत्तर: यम पांच है: अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह।
- अहिंसा- किसी प्राणी को मन, वचन और कर्म से दुःख न देना।
- सत्य- सदा सच्चाई के मार्ग पर चलना प्रिय तथा हितकारक सत्य बोलना।
- अस्तेय- चोरी न करना। जो अपना नहीं और दूसरों से लेने का प्रयत्न न करना।
- ब्रह्मचर्य- परमात्मा में ध्यान रखना अपनी इंद्रियों को वश में रखना।
- अपरिग्रह- आवश्यकता से अधिक जमा ना करना।
अहिंसा का संबंध मनोवृति से है, क्रिया से नही इसे उदाहरण द्वारा स्पष्ट करें?
उत्तर: वास्तव में अहिंसा या हिंसा का सम्बन्ध मनोवृत्ति से है। एक कुशल और योग्य डॉक्टर अपने रोगी को बचाने के लिये उसका ऑप्रेशन करता है। तो क्या आप उसको हिंसक कहेंगे कदापि नहीं, क्योंकि वह सारा काम सात्विक वृत्ति अर्थात् मन, वचन और कर्म से निष्ठा व लगन से कर रहा है। वह अपने कर्तव्य का पालन कर रहा है।
अस्तेय तथा अपरिग्रह का क्या संबंध है?
उत्तर: अस्तेय का अर्थ है- चोरी नही करना। दूसरे की वस्तु को बिना पूछे नही छूना। जबकि अपरिग्रह का सम्बंध है गलत तरीके से धन संग्रह नही करना। आवश्यकता की अतिशयता तक नहीं पहुँचना।
ब्रह्मचर्य का क्या अर्थ है?
उत्तर: ब्रह्मचर्य से तात्पर्य है अपनी इन्द्रियों को वश में रखना। अर्थात आँख, नाक, जीभ, त्वचा, कान, आदि को वश में रखना। ब्रह्मचर्य का पालन करने वाले शारीरिक, मानसिक और आत्मिक रूप से मजबूत होते हैं।